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कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 18 प्रतिशत है और भारत के भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 43 प्रतिशत हिस्से पर की जाती है। कृषि उद्योग संगठित, साथ ही असंगठित क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इस क्षेत्र में कुशलता पूर्वक काम करने वाले लोगों की आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए राज्यों द्वारा विभिन्न जाॅब रोल, जैसे कि सोलेनेसी परिवार की फसलों के किसान, कंद फसलों (Tuber Crop) के किसान, फूलों की खेती - (Floriculturist) खुली खेती, फूलों की खेती - संरक्षित खेती, सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) तकनीशियन आदि की उच्च मांग है।
एक सोलेनेसी परिवार की फसलों के किसान एक विशेष कृषि-जलवायु क्षेत्र, मिट्टी के प्रकार, वर्षा पैटर्न और जलवायु परिस्थितियों में मनचाही उपज प्राप्त करने के लिए सिफारिष की गई प्रथाओं के अनुसार सोलेनेसी परिवार की फसलों की खेती करने में माहिर हैं। सोलेनेसी परिवार की फसलों के किसान के जाॅब रोल के लिए इस पाठ्य पुस्तक को प्रायोगिक प्रशिक्षण के अनुभव के माध्यम से ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है, जो प्रायोगिक शिक्षा का एक भाग है। यह एक व्यक्ति की सीखने की प्रक्रिया पर केंद्रित है, इसलिए, सीखने की गतिविधियां शिक्षक-केंद्रित के होने के बजाय छात्र-केंद्रित हैं।