Chickpea Cultivation / चने की खेती

मृदा पीएच -> 6.0-7.5
बीज अंकुरण तापमान -> 30°C
फसल का प्रकार -> Rabi
आद्रता ->  75-95%
मिट्टी की आवश्यकता का प्रकार -> 40%  सिल्ट मिट्टी, 20% चिकनी और 40% बालू मिट्टी

About the course

कैसे करें चने की बुवाई:

आयरन से भरपूर चने का इस्तेमाल किसी भी तरह से और किसी भी रूप में सेहत के लिए अच्छा होता है।

चने में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होते हैं। परंतु चने की बुवाई से पहले कुछ बातों का ध्यान रखकर जरूरी है, जैसे चने की खेती की सबसे खास बात होती है की इसमें ज्यादा सिंचाई जरूरत नहीं होती है। अगर सही तरीके से और व्यापक रूप से चने की खेती किया जाए तो यह आपकी आय का बढ़िया स्रोत बन सकता है।

उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, कृषि ज्ञान कोष खेती और किसानों से जुड़ी आवश्यकताओं को देखते हुए किसानों के जरूरतों के आधार पर यह ऑनलाइन शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किया हैं। जिसे आप कहीं भी कभी भी खेती से जुड़े कोर्स कर सकते हैं।

इस कोर्स से आप सीखेंगे:

• चने की बुआई कैसे करें।

• चने के रोगों से पौधे का संरक्षण कैसे करें।

• खरपतवार नियंत्रण कैसे करें।

• उर्वरक कितना डालें।

• बुआई के लिए सही बीज कैसे खरीदें।

 

कृषि ज्ञान कोष प्रशिक्षण उद्देश्य

 

कृषि ज्ञान कोष के दृष्टिकोण से, प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्य

 

जागरूक करना

कृषि ज्ञान कोष एक ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफॉर्म है। जिसे कृषि उद्यमियों, किसानों, युवा बेरोजगार किसानों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। हम टेक्निकल और पारंपरिक खेती करने की संपूर्ण जानकारी देते है। जिससे कृषि क्षेत्र जुड़े लोग जागरूक रह सके।

कौशल बढ़ाना

कृषि ज्ञान कोष वक्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने पर विश्वास रखता है। इसीलिए हम कृषि क्षेत्र में एक से अधिक क्षेत्रों में काम करने के लिए किसानों का हमेशा कौशल बढ़ाते रहते हैं।

प्रोत्साहन बढ़ाना

हम कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्रमाणपत्र प्रदान करते है ,जिन्होंने हमारा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है।

उत्पादन बढ़ाना

हमारा उद्देश्य कृषिकों को खेती से जुड़े विधियों, बुनियादी आवश्यकताओं, विभिन्न कृषि पारंपरिक और नई तकनीक नवाचारों के साथ स्मार्ट खेती के बारे में सही जानकारी देना है, जिससे उत्पादन अधिक से अधिक हो सके।

लागत कम करना

कई बार किसान को फसलों के होने वाले रोगों की पहचान समय पर नहीं होती, और जब रोग का पता चलता है, तब तक फसल को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। ऐसे होने वाले नुकसान से बचाना और कम लागत में अधिक उपज बढ़ाना कृषि ज्ञान कोष का उद्देश्य है।

Syllabus

Reviews and Testimonials

Course Curriculum